पापा के दोस्त
पापा के दोस्त
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पापा के दोस्तों
ने चोदा-1
-मोउमिता
हाय! मम्मी की डैथ
के बाद पापा
अकेले हो गये
और उन्होंने पीना
शुरू कर दिया।
पापा के दो
दोस्त थे, गुरुबचन
अंकल और राहुल अंकल।
तीनों रोज शाम
को किसी एक
के घर बैठते
थे। जब ये
बैठक हमरे घर
होती थी तो
मैं ही उन्हें
पानी नमकीन आदि
सर्व करती थी।
कुछ ही दिनों
में मैंने महसूस
किया कि जब
भी मैं नमकीन
आदि रखने के
लिये झुकती हूँ
तो राहुल मेरे अन्दर
झाँकने की कोशिश
करते थे।मैं भी कोई
दूध की धुली
नहीं थी तीन
चार बार चुदवा
चुकी थी सो
उनका आशय समझ
गई। चुदे हुए
काफ़ी समय हो
चुका था। मेरी
चूत में खुजली
मचने लगी। मैंने
भी चारा डालने
का मन बना
लिया। आज जब
वे आये तो
मैंने अपनी ब्रा
टाइट की और
कुर्ते का ऊपर
का एक बटन
खोल लिया इससे
झुकते ही मेरी
जवानी बाहर झलकने
लगती थी। पापा
वाइन निकालने गये
तो मैं नमकीन
लेकर पहुँच गई
और राहुल की ओर
मुँह करके प्लेट
रखते हुए झुकी
और थोड़ा रुक
गई। इस बीच
जब उनकी ओर
निगाह की तो
वे टकटकी लगाये
देख रहे थे।
जब आँखे मिली
तो मैं मुस्करा
दी। थोड़ा दूर
पहुँचकर जब मैंने
वापस देखा तो
वे मेरी ओर
ही देख रहे
थे मैं फिर
मुस्करा दी। मेरा
संदेश उन तक
पहुँच चुका था
अब तो जबाव
की बारी थी।
गुरू अंकल ने
भी यह सब
नोट कर लिया
था। बीच में
जब पापा बाथरूम
गये तो मैंनें
उनकी बातें सुनी
… …
उसकी बेटी पर
लाइन मार रहा
है क्या??? यह
गुरू की आवाज
थी।जवानी सम्भाल नहीं पा
रही है साली
… … … राहुल ने
मुस्कराते हुए आँख
मारी।
पट जायेगी????
पट तो चुकी
है। … हाय!!! बस
एक बार मौका
मिल जाये तो
लौड़े पर उछाल
उछाल के चोदूंगा
… … …
अकेले अकेले मत चोद
लेना … … … ।चिंता मत कर
… । कल ऐसा
करना … यहां आने
के बाद इसके
बाप के साथ
दारू लेने चले
जाना … पीछे से
मैं सब सैट
कर दूँगा … और
हाँ … आना आराम
से …
तभी पापा आ
गये। मैं रोमांचित
हो रही थी,
मन कर रहा
था कि अभी
जाके गोद में
बैठ जाऊँ पर
इन्तजार तो करना
ही था। दूसरे
दिन मैंनें अपनी
झांटें साफ़ कीं।
शाम को जब
वे आये तो
आते ही गुरू
बोले- अरे यार
आज दारू लाना
तो भूल ही
गया …
चलो मैं ले
आता हूं … … पापा
ने कहा।तो गुरू बोले-
मैं भी चलता
हूँ … … … …
फिर वे चले
गये तो राहुल ने
मुझे आवाज दी
… ।मेरा दिल जोर
जोर से धड़क
रहा था। आज
मैंने टी शर्ट
पहने थी जिसमें
से मेरे स्तन
बाहर निकले पड़
रहे थे। जब
मैं पहुँची तो
वह मुस्कराते हुए
बोला- आ न
… मैं अकेला बोर
हो रहा हूँ
… … मैं जब उसके
सामने बैठने को
हुई तो उसने
मेरा हाथ पकड़
कर अपने पास
बिठा लिया … …
कुछ देर चुप
रहने के बाद
उसने अपना एक
हाथ मेरे कन्धे
पर रखा और
बोला- आज बडी
क्यूट लग रही
है … पर … कल
के बराबर नहीं
… … …
मैंने उसकी ओर
देखा तो उसने
मुस्कराते हुए आँख
मार दी तो
मैं भी मुस्करा
दी। और उसने
जब अपनी ओर
खींचा तो मैं
खिंची चली गई।
उसने मुझे अपनी
गोद में लिटा
लिया और अपने
होंठ मेरे होंठों
पर जमा दिये
और एक हाथ
से चूचियां दबाने
लगा। मैं तो
पहले से ही
मरी जा रही
थी सो कोई
विरोध नहीं किया।
जैसे ही उसका
चूचियों वाला हाथ
चूत पर पहुंचा
मैं उससे लिपट
गई। जैसे ही
उसने होंठ छोड़े
मैंने एक लम्बी
सांस ली।उसने अपना हाथ
मेरे लोअर में
डाल दिया और
बोला … आज तेरे
पापा को ज्यादा
पिला दें?????
क्यों????
गहरी नींद में
सो जायेगा … फ़िर????
चूत पर उंगली
दबाते हुये जोर
का चुंबन दिया।
मैंने आंखें बंद
कर ली … तो
उसने अपना हाथ
चड्डी में डाल
दिया।बोल ना … चुदवायेगी
… … …? वह चूत की
दरार में उंगली
चलाने लगा।पर?? गुरू अन्कल
भी तो हैं
… … … अब मैं पूरी
तरह से खुल
चुकी थी।उसे भी दे
देना … … … वह चूत
के छेद पर
उंगली दबाते हुए
बोला।नहीं … … …
दोनों से नहीं
!!
अरे बहुत मजा
आयेगा … … चुदवा तो चुकी
है ना पहले????
मैं चुप रही।
फिर क्या प्राब्लम
है? …
और फ़िर उसने
मुझे सोफ़े पर
सीधा लिटाया और
लोअर को नीचे
खिसकाना शुरू किया
तो मैंने रोका-
वे लोग आने
वाले होंगे … … … …
चलने से पहले
गुरू काल करेगा
… … …
अच्छा!!! तो सारा
प्लान बना कर
आये थे … … … मैं
लिपटते हुए बोली।और क्या … तूने भी
चूत हमारे लिये
ही तो चिकनी
की है … … … उसने
मेरा लोअर व
चड्डी उतार दी
और चूत भींचते
हुए बोला।
पहले तेरे पापा
को डाउन कर
देंगे फ़िर तेरी
चिकनी चूत को
जमकर चोदेंगे … … … फ़िर
उसने अपना पैंट
उतारा। उसका 7 इंच का
मोटा तगड़ा लंड
तना हुआ था।
मेरी खुजली और
बढ़ गई।
आजा ! जब तक
वे आयें एक
राउन्ड कर लें।
और उसने वहीं
जमीन पर लिटा
लिया तो मैंने
भी टांगे उपर
उठा ली। उसने
मेरा शर्ट गले
तक उठाया और
दोनों चूचियां थामते
हुए लन्ड चूत
पर टिका दिया
जिसे मैंने हाथ
से छेद पर
लगा दिया। राहुल
ने
दबाव बढ़ाया तो
मेरे मुँह से
आह निकल गई
… …
उसने फ़िर एक
जोरदार धक्का दिया तो
लन्ड चूत की
दीवार को चीरता
हुआ जड़ तक
समा गया …
आआह्ह्ह्ह्ह्ह्
… … … … … मेरी चीख निकल
गई।उसने पूरा लन्ड
बाहर खींचा और
फ़िर पूरी ताकत
से पेल दिया।आह्ह्ह … …
मारोगे क्या … … !
चुपचाप पड़ी रह
बहन की लौड़ी
… … आज बरसों के बाद
नई चूत मिली
है … और फिर
वह रुका नहीं
… सचमुच एक पक्का
मर्द था … … उसकी
हर एक चोट
पर मुझे लगता
था कि मेरी
कमर टूट जायेगी
… उसने दनादन चोदना शुरू
कर दिया। मैं
आह्ह आह्ह करती
रही और वह
चोदता रहा। लगभग
200 चोट मारने के बाद
हम दोनों एक
साथ झड़े। झड़ते
समय उसने लन्ड
बाहर खींच लिया
और सारा पानी
चूत के ऊपर
निकाल दिया। फ़िर
लन्ड चूत में
वापस डालकर मेरे
उपर लेट गया।मजा आया मेरी
जान को … … …? वह
चूमते हुए बोला
तो मैंने उसके
गले में बांहे
डालकर कई चुंबन
ज़ड दिये।अब सैकिण्ड राउंड में
इससे भी बढ़िया
चुदाई होगी … … मैं
और कस के
लिपट गई।तेरी चूत का
हलवा बना देंगे
… … और फ़िर गुरू
का काल आने
तक हम यूँ
ही लेटे रहे।
जैसे ही गुरू
का काल आया,
हम सीधे बाथरूम
में गये, जहाँ
मैंने उसके लंड
को और उसने
मेरी चूत को
साफ किया एक
बड़े किस के
साथ अलग हुए।
फ़िर उनका दौर
चला। अपने प्लान
के मुताबिक उन्होंने
पापा को ज्यादा
पिला दी जिससे
वे 9:30 तक ही
लुढ़क गये तो
वे उन्हें सुला
आये। सोने से
पहले पापा ने
उनसे वादा लिया
कि वे अपना
कोटा पूरा करके
ही जायेंगे। जैसे
ही उन्होंने पापा
के कमरे का
दरवाजा बन्द किया
मेरी धड़कने तेज
हो गई। पहले
तो जोश में
चुदवा लिया पर
अब दो, वो
भी एक साथ,
की कल्पना से
डर लग रहा
था। मैं दरवाजे
की ओर पीठ
करके लेट गई।
वे धीरे से
मेरे कमरे में
घुसे तो मेरी
साँस अटकने लगी।
राहुल मेरे
पीछे से लेट
गया और मुझे
भींच कर बोला
…
तो चुदने के लिये
तैयार है मेरी
रानी …
आज रहने दो,
पापा की नींद
कच्ची है … फ़िर
किसी दिन कर
लेना … मेरी बात
में दम था
सो वे मान
गये… इस
बीच गुरू भी
आगे से मेरे
पास बैठ गया
और मेरा चेहरा
उठा कर बोला
… मुझे प्यासा ही छोड़
देगी क्या … ?
मैंने कुछ नहीं
कहा।तो ऐसा कर
गुरू से तो
चुदवा ही ले
… मैं बाहर तेरे
पापा का ध्यान
रखूंगा … राहुल बोला।जा तू बाहर
ध्यान रख जब
तक मैं इससे
परिचय कर लूँ
… गुरू राहुल से
बोला तो राहुल बाहर
चला गया।
गुरू ने मुझे
अपनी बांहों व
टांगों में भींचकर
लिपटा लिया मैंने
भी अपनी बाँह
उसकी कमर में
डाल दी और
लिपट गई। गुरू
तो इस मौके
के इंतजार में
ही था और
पूरी तरह गरम
भी था जिसका
एहसास उसके लंड
की सख्ती से,
जो कि चूत
पर दस्तक दे
रहा था, से
मुझे हो रहा
था। जल्दी ही
उसने मुझे नंगा
किया और खुद
भी हो गया।
फ़िर वह सीधे
ऊपर आया और
लंड चूत पर
टिका कर मेरे
होंठ चूसने लगा।मैं भी गरम
हो चुकी थी
सो बोली … … जल्दी
करो … !!
तो ले … मादरचोद
… और उसने एक
ही झटके में
लौड़ा चूत में
उतार दिया। राहुल
की
तरह उसका लंड
भी खूब बड़ा
और मोटा था।
मैंने टांगे फ़ैला
दी और फ़िर
वह मेरी कमर
तोड़ने में जुट
गया। उसकी ताबड़तोड़
चुदाई से मैं
कराहने लगी … पर वह
तो भूखे भेड़िये
की तरह टूट
पड रहा था।
थोड़ी देर बाद
उसने मुझे चौपाया
बनाया और फ़िर
पिल पडा। उसकी
चुदाई राहुल से भी
ज्यादा भारी थी।
लगभग आधा घंटे
चोदने के बाद
वह झड़ गया
तब जाकर मुझे
कुछ चैन मिला।
वे चले गये
पर मेरा शरीर
सारी रात दर्द
करता रहा।
पापा के दोस्तों
ने चोदा-2
उस रात गुरुबचन
अंकल और राहुल अंकल
ने जो कमरतोड़
चुदाई की उसका
असर दूसरे दिन
तक रहा। तीसरे
दिन राहुल का फोन
आया, मैं घर
में अकेली थी
…
हैलो …
हाय रानी!!! कैसी है
… ?
कौन बोल रहा
है … मैं चौंक
गई।आय! हाय! दो
दिन में ही
लन्ड पच गया
…
ओह! राहुल अंकल
… … मैं आवाज पहचानते
ही बोली। अनायास
ही मेरा हाथ
चूत पर पहुँच
गया।
अब अंकल तो
मत कह रानी
… क्या कर रही
थी … अकेली ही
है ना?
हाँ … क्यों … क्या करना
है … मैं शोखी
से बोली।
चोदना है तेरी
प्यारी चूत को
…
ना बाबा ना
… अब तक नहीं
सम्भल पाई हूँ
… …
अरे जान … वो तो
मौका प्रोपर नहीं
था … वर्ना एक
हफ़्ते तक बिस्तर
से नहीं उठती
…
तभी तो कह
रही हूं … मुझे
मरना नहीं है
…
अच्छा! देख शनिवार
को तेरे पापा
टूर पे जा
रहे हैं और
गुरु की वाइफ़
भी बाहर है
तो उस दिन
गुरू के घर
पे प्रोग्राम रखेंगे
…
और फ़िर शनिवार
का इन्तजार होने
लगा।
पापा सुबह 5 बजे की
बस से चले
गये। मैं एक
बार फ़िर चूत
चिकनी की और
फ़िर तैयार होके
11 बजे गुरू के
घर पहुंच गई।
मेरे पहुंचते ही
उन्होंने मेरा दिल
खोलकर स्वागत किया
और सीधे बैडरूम
में ले गये
जहाँ एक शानदार
बैड था। पूरा
कमरा इत्र की
खुशबू से महक
रहा था … मैं
रोमांचित हो रही
थी … … गुरू ने
नाश्ते का इन्तजाम
किया हुआ था।
नाश्ते के दौरान
हम खूब गन्दी
गन्दी बातें कर
रहे थे मैं
भी पूरी तरह
खुल चुकी थी।
इस सब में
एक घंटा गुजर
गया तो …
राहुल बोला
… चल अब शुरू
करें …
और हम नंगे
हो गये। राहुल सोफ़े
पर बैठ गया।
मैंने जमीन पर
कुतिया बनके उसके
लंड को मुँह
में ले लिया
और चूसने लगी।
गुरू मेरे पीछे
आया और चूत
चाटने लगा। जब
राहुल का
लंड पूरी तरह
तैयार हो गया
तो मैं गुरू
की ओर मुड़ी।
गुरू घुटने के
बल खड़ा हो
गया तो मैंने
उसका लंड मुँह
में ले लिया
और इधर राहुल चूत
चाटने लगा।फ़िर राहुल ने
अपना लंड पीछे
से ही चूत
के छेद पर
रखा और एक
जोरदार धक्का मारा तो
गुरू का लंड
मेरे गले तक
घुस गया मेरी
सांस रुकने लगी
पर वे रुके
नहीं और मैं
दोनों तरफ़ से
चुदने लगी …
ले मादर चोद
आज देख हमारे
लंड का कमाल
… … राहुल दनादन
ठोकते हुए बोला
तो गुरू ने
भी मेरे बाल
पकड़ कर मुँह
में ही अन्दर
बाहर करना शुरू
कर दिया। मुँह
बन्द होने के
बावजूद भी मैं
कराह रही थी
पर बहुत मजा
आ रहा था।
फ़िर उन्होंने साइट
बदली और चालू
हो गये। लगभग
आधा घंटे की
ताबड़तोड़ चुदाई के बाद
उन्होंने मुझे जमीन
पर सीधा लिटाया
और एक साथ
अपने लंड मुँह
डाल दिये, मैं
लपालप चूसती रही।
थोड़ी ही देर
में वे मेरे
मुँह में झड़
गये। उनके लंड
से निकले गरम
गरम वीर्य ने
मेरा मुँह भर
दिया। मेरी चूत
भी झड़ चुकी
थी। हम तीनों
निढाल हो कर
पड़ गये।दूसरा राउंड 2 बजे शुरू
हुआ और ये
पहले से भी
भारी था। मेरा
रोम रोम दर्द
करने लगा। ये
मेरी जिन्दगी की
सबसे यादगार चुदाई
थी।
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मज़ा आ गया मेरी तो पैन्टी खराब हो गई
ReplyDeleteमजा आ गया मेरेतो लंड का पाणी निकल गया
ReplyDeleteKya Mal hi Sali tu
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